2021-10-07 13:35
नापासर टाइम्स। कस्बे में गुरुवार को शारदीय नवरात्रा के प्रथम दिन देवी मंदिरों व घर घर में शुभ मुहूर्त में घट स्थापना की गई,देवी दरबार सज चुके है,धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए है,यहाँ रेलवे स्टेशन स्थित तारा माता मंदिर,काली माता मंदिर,सुनारों की बगीची स्थित दुर्गा माता मंदिर,नगरी बास,गांधी चौक,देशनोक बाईपास स्थित करणी माता मन्दिरो,हरिराम पूरा स्थित ब्रह्माणी माता मंदिर,पारीक चौक स्थित माता जी मन्दिर,देशनोक सड़क स्थित सच्चियाय माता मंदिर आदि में विशेष पूजा अर्चना की गई,मन्दिरो को सजाया गया है,भक्तो की रौनक बनी हुई है।
नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक चलता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को समर्पित है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र-पूजन में पहले दिन इनकी उपासना का विधान है। जानिए शैलपुत्री की पूजा विधि, कथा और आरती…
*शैलपुत्री की पूजा विधि*
मां का ये स्वरूप बेहद ही शुभ माना जाता है। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल है और ये देवी वृषभ पर विराजमान हैं जो संपूर्ण हिमालय पर राज करती हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए इनकी तस्वीर रखें और उसके नीचें लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें। इसके ऊपर केसर से शं लिखें और मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें। इसके बाद हाथ में लाल फूल लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें और इस मंत्र का जाप करें – ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:। मंत्र के साथ ही हाथ में लिये गये फूल मनोकामना गुटिका एवं मां की तस्वीर के ऊपर छोड दें। इसके बाद माता को भोग लगाएं तथा उनके मंत्रों का जाप करें। यह जप कम से कम 108 बार होना चाहिए।
*इस मंत्र का करें जाप*
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
*मां शैलपुत्री का प्रसाद*
मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है जिससे व्यक्ति का मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।
*मां शैलपुत्री की कथा*
एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। इसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ-भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया, लेकिन शंकरजी को उन्होंने इस यज्ञ में निमंत्रित नहीं किया। सती ने जब सुना कि उनके पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं, तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा।
अपनी यह इच्छा उन्होंने शंकरजी को बताई। सारी बातों पर विचार करने के बाद उन्होंने कहा- प्रजापति दक्ष किसी कारण से हमसे नाराज हैं। अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है। उनके यज्ञ-भाग भी उन्हें समर्पित किए हैं, लेकिन हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। कोई सूचना तक नहीं भेजी है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना सही नहीं होगा।
शंकरजी के यह कहने से भी सती नहीं मानी। उनका प्रबल आग्रह देखकर भगवान शंकरजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी। सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बातचीत नहीं कर रहा है। केवल उनकी माता ने स्नेह से उन्हें गले लगाया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव भरे हुए थे।
परिजनों के इस व्यवहार से उनके मन को बहुत दुख पहुंचा। यह सब देखकर सती का हृदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा भगवान शंकरजी की बात न मान, यहां आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है। वे अपने पति भगवान शंकर के इस अपमान को सह न सकीं। उन्होंने अपने उस रूप को तत्क्षण वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया। वज्रपात के समान इस दारुण-दुःखद घटना को सुनकर शंकरजी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया।
सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वे ‘शैलपुत्री’ नाम से विख्यात हुर्ईं।
*शैल पुत्री की आरती*
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
RELATED ARTICLES
*मंगलवार, 28 जून 2022 : आज क्या कहती है आपकी राशि, किसके लिए खुशियों भरा रहेगा दिन*
2022-06-28 09:06
*अगर झेल रहे हैं शनि की साढ़े साती या ढैय्या, तो इन 7 उपायों से कम करें अशुभ प्रभाव*
2022-06-25 08:52
*आषाढ़ मास का पहला शनिवार इन 5 राशियों के लिए है विशेष, शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न*
2022-06-18 09:26
*आज का राशिफल, 13 जून 2022: मेष, वृष और मिथुन राशि वाले वाणी और क्रोध पर संयम रखें*
2022-06-13 07:44
*Aaj Ka Rashifal: बुधवार को इस राशि के लोगों की किस्मत देगी उनका साथ, जानें राशिफल*
2022-06-08 09:08
*28 दिसंबर को इन राशि वालों का होगा भाग्योदय, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल*
2021-12-28 10:17
*सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को जरुर करें ये उपाय, हर परेशानी होगी दूर*
2021-11-28 08:42
*मां लक्ष्मी के शुभ मंत्र, जानिए शुक्रवार को किस मंत्र के जाप से मिलेगा कौन सा लाभ*
2021-11-26 08:50
*मातृ नवमी आज : मातृ दोष से मुक्ति का दिन है आज, जाने इस दिन किसका होता है श्राद्ध*
2021-09-30 10:18
*मासिक शिवरात्रि आज, इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना बिगड़ जाएंगे सारे काम*
2021-09-05 09:02
*Bach Baras 2021: गाय− बछड़े की पूजा से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट, जानिए विधी पूजन*
2021-09-04 09:44
*आज नही, कल है अजा एकादशी, जानें व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा*
2021-09-02 09:07
*धूमावती जयंती है आज, सर्पदोष, गरीबी और कर्ज से मुक्ति के लिए करें इन चीजों से हवन*
2021-06-18 08:27
*राशिफल 20 मई : चमकने जा रही है 5 राशियों की किस्मत, जानें कैसे रहेगा आपका गुरुवार*
2021-05-20 06:44
*अप्रैल 2021 का पहला दिन आज इनके लिए रहेगा खास, जानें कैसा रहेगा आपके लिए गुरुवार?*
2021-04-01 07:16
*धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आज करें श्री लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ*
2021-03-19 07:16
राशिफल 9 मार्च : मंगल आज दिखाएंगे अपना पराक्रम, जानिये कैसा रहेगा आपके लिए मंगलवार*
2021-03-09 07:02
*कल 9 मार्च को है विजया एकादशी, इस दिन सुनें यह व्रत कथा, मिलेगा व्रत का पूर्ण लाभ*
2021-03-08 07:14